वकील पर जानलेवा हमला-लूट



पुलिस ने एफ0आई0आर0 दर्ज करने से किया इंकार
लखनऊ। लखनऊ के थाना नाका हिण्डोला  से चन्द कदमों की दूरी पर स्थित गंगादीन मन्दिर शिवाला में अधिवक्ता स्वतंत्र प्रिय पर जानलेवा हमला कर उनके गले से सोने की चेन लूट ली।


प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वतंत्र प्रिय एडवोकेट निवासी पाण्डेय टोला अलीगंज लखनऊ को सूचना प्राप्त हूई कि अतुल कुमार गुप्ता पुत्र श्री लक्ष्मी नारायण श्रीमती सीता गुप्ता पत्नी श्री अतुल कुमार गुप्ता अपने सहयोगी राजकुमार राजपूत उर्फ धुन्नी पुत्र स्व0 सुखलाल राजपूत राजकुमार गुप्ता पुत्र स्व0 गुरूचरन गुप्ता राजीव गुप्ता उर्फ राजू पुत्र स्व0 गुरूचरन गुप्ता  हर्ष गुप्ता पुत्र राजकुमार गुप्ता संतोष गुप्ता पुत्र मुन्नू लाल गुप्ता एवं मुन्नू लाल गुप्ता पुत्र स्व0 जीवन लाल गुप्ता समस्त निवासी नाका हिण्डोला जिला लखनऊ के साथ मिलकर बीती 17 फरवरी को गंगादीन मन्दिर के सामने अवैध निर्माण करा रहे थे। स्वतंत्र प्रिय एडवोकेट ने मन्दिर के सामने हो रहे अवैध निर्माण को रूकवाने के लिए पुलिस हेल्पलाईन नम्बरः-112 तथा थाना नाका हिण्डोला के दूरभाष संख्याः-7839861096 पर फोन के माध्यम से उपरोक्त अवैध निर्माण की सूचना दर्ज कराई थी  जिस पर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उपरोक्त अवैध निर्माण बन्द करा दिया गया था तथा दोबारा कभी न करवाने की चेतावनी भी दी थी परन्तु आरोपियों द्वारा दिनाँकः-29/02/2020 को रात्रि लगभग दस बजे पुनः अवैध निर्माण कार्य शुरू किया गया। जिसकी सूचना स्वतंत्र प्रिय एडवोकेट को मिलने पर स्वतंत्र प्रिय एडवोकेट ने पुनः पुलिस हेल्पलाईन नम्बरः-112 तथा थाना नाका हिण्डोला के दूरभाष संख्याः-7839861096 पर उपरोक्त अवैध निर्माण की सूचना दर्ज कराई। पुलिस द्वारा सक्रियता दिखाते हुए अवैध निर्माण कार्य को बन्द करा दिया गया था। जिसके कारण आरोपीगण स्वतंत्र प्रिय एडवोकेट एवं उनके परिवार से रंजिश मानने लगे। दिनाँकः-03/03/2020 को प्रातः 09ः00 गंगादीन स्वतंत्र प्रिय एडवोंकेट गंगादीन मन्दिर दर्शन के लिए गया थे तभी आरोपीगण ने एकत्र होकर गंगादीन मन्दिर में ही स्वतंत्र पिय एडवोकेट पर जानलेवा हमला कर दिया सभी आरोपीगण ने बुरी तरह मारना-पीटना शुरू कर दिया। इसी इसी बीच राजकुमार गुप्ता ने अधिवक्ता के गले में रस्सी का फंदा डाल कर जान से मारने का प्रयास करने लगा तभी मौके का फायदा उठाते हुए राजकुमार राजपूत उर्फ धुन्नी ने अधिवक्ता के गले से सोने की चेन छीन ली। अधिवक्ता द्वारा शोर मचाने पर आस-पास के लोगों ने किसी तरह अधिवक्ता की जान बचाई। घटना के बाद पीड़ित अधिवक्ता रिपोर्ट लिखाने थाना नाका पहुँचे परन्तु वहाँ मौजूद पुलिसकर्मियों ने पीड़ित अधिवक्ता की रिपोर्ट दर्ज करने से साफ इंकार कर दिया। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब एक अधिवक्ता की रिपोर्ट दर्ज करने से पुलिस ने इंकार कर दिया तो आम आदमी को अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता होगा। थाना नाका पुलिस द्वारा पीड़ित अधिवक्ता की रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार करने के पश्चात पीड़ित अधिवक्ता ने बीती 5 मार्च को आरोपीगण के विरूद्ध एक प्रार्थना पत्र पुलिस आयुक्त लखनऊ के समक्ष प्रेषित किया, परन्तु पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। पुलिस की इस कार्य प्रणाली को देखते हुए यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि कानून के रक्षक एक अधिवक्ता के साथ हूई संगीन घटना में पुलिस ने आरोपियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की तो आम जनता की सुरक्षा कौन करेगा। पीड़ित अधिवक्ता ने पुलिस से नाउम्मीद होकर बीती 13 मार्च को न्यायालय श्रीमान ए0सी0जे0एम0 (अष्टम) लखनऊ के समक्ष आरोपियों के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-(3) के अन्तर्गत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है। जिस पर सुनवाई हेतु अग्रिम तिथि 23 मार्च नियत है।